परिचय
गोधरा ट्रेन कांड में दोषी ठहराए गए सलीम उर्फ सलमान यूसुफ जारदा को पुणे में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी कई महीनों की पुलिस जांच के बाद हुई। सलीम को 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड में शामिल होने के कारण उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2024 में जमानत मिलने के बाद से ही वह फरार चल रहा था।
कैसे पकड़ा गया सलीम?
पुलिस ने 22 जनवरी को नासिक में एक संगठित चोरी गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक की पहचान सलीम जारदा के रूप में हुई। पुणे पुलिस ने इस गिरोह की गतिविधियों की जांच के दौरान पाया कि सलीम का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है और वह गोधरा कांड में भी शामिल था।
गोधरा कांड की भयावहता
गोधरा कांड भारतीय इतिहास की एक भयावह घटना थी। 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात में हिंसा भड़क उठी थी। सलीम इस षड्यंत्र का हिस्सा था और गवाहों व सबूतों के आधार पर उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
फरारी और पुलिस की जांच
सितंबर 2024 में उसे जमानत पर रिहा किया गया, लेकिन इसके बाद से वह गायब हो गया। पुलिस ने लगातार उसके ठिकानों की जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया। चोरी के एक मामले में गिरोह की गिरफ्तारी के बाद उसकी पहचान हो सकी।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजना
पुणे पुलिस ने सलीम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। गुजरात पुलिस भी इस मामले में सक्रिय हो गई है और उसे फिर से जेल भेजने की तैयारी हो रही है।
यह घटना यह साबित करती है कि अपराधी कितना भी छिपने की कोशिश करें, वे अंततः कानून के शिकंजे में आ ही जाते हैं। सलीम की गिरफ्तारी से पुलिस की सतर्कता और न्यायिक प्रणाली की मजबूती का उदाहरण मिलता है।