भारत-सिंगापुर संबंधों में नया अध्याय
सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम का भारत दौरा दोनों देशों के आपसी संबंधों को नई दिशा देने वाला साबित हो रहा है। दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई उनकी बैठक में सेमीकंडक्टर निर्माण, कौशल विकास और डिजिटलीकरण जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
ओडिशा में ऐतिहासिक दौरा
थर्मन शनमुगरत्नम आज से ओडिशा के दौरे पर हैं। यह दौरा खासतौर से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य के “उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन-ओडिशा” सम्मेलन से ठीक पहले हो रहा है। इस यात्रा के दौरान वे कोणार्क सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर में वैक्सीन निर्माण संयंत्र और विश्व कौशल केंद्र का दौरा करेंगे।
सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में नई संभावनाएं
भारत और सिंगापुर के बीच सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर सहयोग बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। सिंगापुर, जो इस क्षेत्र में अग्रणी है, भारत को प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता प्रदान कर सकता है।
कौशल विकास पर साझेदारी
भुवनेश्वर में स्थित विश्व कौशल केंद्र का दौरा दर्शाता है कि भारत और सिंगापुर कौशल विकास पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कदम युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में सहायक होगा।
सांस्कृतिक और औद्योगिक संबंधों को बढ़ावा
थर्मन का कोणार्क सूर्य मंदिर का दौरा सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है। इसके साथ ही, ओडिशा में वैक्सीन निर्माण संयंत्र का दौरा दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को नई दिशा देगा।
“उत्कर्ष ओडिशा” की तैयारी
ओडिशा सरकार की मेक-इन-ओडिशा पहल को सिंगापुर के साथ साझेदारी से बड़ा लाभ मिल सकता है। यह पहल राज्य को निवेशकों के लिए एक आकर्षक स्थान बनाने में मदद कर रही है। सिंगापुर का यह दौरा निश्चित रूप से ओडिशा को वैश्विक निवेश मानचित्र पर और मजबूत करेगा