कलारीपयट्टू में उत्तराखंड की सिद्धि का जलवा
उत्तराखंड की बेटी सिद्धि बड़ोनी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में कलारीपयट्टू प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया। यह प्रतियोगिता रोशनाबाद स्थित रिजर्व पुलिस लाइन में संपन्न हुई।
कलारीपयट्टू: एक गौरवशाली विरासत
इस प्राचीन युद्धकला का मूल केरल में माना जाता है। भगवान परशुराम द्वारा विकसित इस खेल में शरीर की शक्ति और चपलता का परीक्षण किया जाता है। इसे आत्मरक्षा की बेहतरीन तकनीकों में से एक माना जाता है।
प्रतियोगिता का रोमांचक माहौल
उत्तराखंड के 17 खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। सिद्धि बड़ोनी ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों और निर्णायकों को प्रभावित किया। उनके शानदार प्रदर्शन ने राज्य को गर्व महसूस कराया।
सिद्धि का उद्देश्य
सिद्धि का मानना है कि इस खेल को हर स्कूल में सिखाया जाना चाहिए, खासतौर पर लड़कियों को, ताकि वे आत्मरक्षा के लिए सक्षम हो सकें।
कलारीपयट्टू को राष्ट्रीय खेलों में स्थान दिलाने का प्रयास
सिद्धि का कहना है कि यह खेल अभी औपचारिक रूप से राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसे शामिल किया जाना चाहिए।
भविष्य की योजनाएँ
सिद्धि चाहती हैं कि उत्तराखंड और पूरे देश के युवा इस खेल की ओर आकर्षित हों। वे इस खेल को एक नए स्तर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।