ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए नए युग की शुरुआत
ऋषिकेश, जिसे भारत की योग नगरी कहा जाता है, अब एडवेंचर टूरिज्म के नए दौर में प्रवेश करने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है, जिससे यहां के पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इस परियोजना के तहत 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
ऋषिकेश: पर्यटन और धार्मिक स्थलों का संगम
ऋषिकेश न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह साहसिक खेलों का भी प्रमुख केंद्र बन चुका है। गंगा नदी की लहरों पर राफ्टिंग करने के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं। हालांकि, पर्यटन सुविधाओं की कमी के कारण पर्यटकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
क्या होगा इस परियोजना में खास?
इस नई परियोजना के तहत:
- आधुनिक बुकिंग प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे टिकट प्राप्त करने में आसानी होगी।
- सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसमें प्रशिक्षित गाइड और निगरानी प्रणाली शामिल होगी।
- पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाएगी।
- यातायात प्रबंधन को सुधारने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए जाएंगे।
राफ्टिंग उद्योग में सुधार
वर्तमान में, ऋषिकेश में राफ्टिंग पर्यटन अव्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा है, जिससे न केवल पर्यटकों को परेशानी होती है बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी ट्रैफिक और कचरा प्रबंधन की समस्याओं से जूझना पड़ता है। इस परियोजना के तहत इन सभी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
रोजगार के नए अवसर
इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को भी नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे गाइड, होटल व्यवसायी, ट्रांसपोर्ट सेवाओं और अन्य संबद्ध उद्योगों को भी लाभ होगा
यह परियोजना ऋषिकेश को एक नए और विकसित पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसर सृजित होंगे।