गैरसैंण के वीर सपूत गुसाईं राम हुए शहीद
उत्तराखंड के चमोली जिले के गैरसैंण क्षेत्र का वीर सपूत गुसाईं राम, जो बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के ग्रीफ पद पर तैनात थे, ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। 52 वर्षीय गुसाईं राम का निधन 18 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में हुआ, जब उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
गाँव में छाया मातम
शहीद गुसाईं राम का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव कुंजापानी (गैरसैंण) लाया गया, तो पूरा गांव शोक में डूब गया। उनके परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। शहीद की पत्नी पुष्पा देवी अपने पति को तिरंगे में लिपटा देख बेहोश हो गईं। उनके दोनों बेटे और बेटी भी शोक में डूबे हुए थे।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
20 दिसंबर की सुबह शहीद गुसाईं राम के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जिसके बाद उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पुलिस के जवानों ने पैत्रिक घाट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया और पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
देश की सेवा में अमर हुए गुसाईं राम
गुसाईं राम ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा देश की सेवा में समर्पित किया। उनके बलिदान को सदैव याद किया जाएगा। उत्तराखंड के इस वीर सपूत को देश नमन करता है।