प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद तेज हुई सुगबुगाहट
उत्तराखंड में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा संपन्न हुआ है। इस दौरे के ठीक बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली रवाना होने से कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल में चार नए चेहरे शामिल किए जाएंगे।
किन विधायकों को मिल सकता है मौका?
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, नए मंत्रियों में दो चेहरे गढ़वाल और दो कुमाऊं से होंगे। इससे पार्टी क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। गढ़वाल से कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम चर्चा में हैं, वहीं कुमाऊं से कुछ युवा चेहरों को मौका दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
कैबिनेट विस्तार की आवश्यकता क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपने संगठन को और मजबूत करना चाहती है। हाल ही में हुए उपचुनावों में पार्टी को जो झटके लगे हैं, उनसे उबरने के लिए कैबिनेट विस्तार जरूरी माना जा रहा है। साथ ही, कुछ विभागों में बेहतर नेतृत्व की जरूरत भी महसूस की जा रही है।
दिल्ली में भाजपा आलाकमान से चर्चा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तार पर चर्चा हुई। जल्द ही नए मंत्रियों के नामों की औपचारिक घोषणा हो सकती है।
विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम पर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल कर रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी इस फैसले को ‘जनता को भ्रमित करने वाला कदम’ बताया है।
अगले कदम क्या होंगे?
कैबिनेट विस्तार की घोषणा होते ही सरकार के कामकाज में नया मोड़ आ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नए मंत्रियों को कौन-से विभाग दिए जाते हैं और वे अपने कामकाज से जनता को कितना प्रभावित कर पाते हैं। फिलहाल, उत्तराखंड की राजनीति में यह सबसे बड़ा घटनाक्रम बना हुआ है।