मंडी, 25 फरवरी 2025 – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर आधारित एक हेल्थकेयर रोबोट विकसित किया है, जो अस्पतालों में नर्सों और डॉक्टरों की सहायता करेगा। यह हेल्पिंग रोबोट मरीजों की देखभाल से संबंधित कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में सक्षम है, जैसे दवाइयाँ पहुँचाना, मरीजों के स्वास्थ्य संकेतों की निगरानी करना और इमरजेंसी स्थिति में त्वरित कार्रवाई करना।
कैसे काम करता है यह रोबोट?
आईआईटी मंडी के कंप्यूटिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने इस हेल्पिंग रोबोट को अत्याधुनिक सेंसर और एआई तकनीक के साथ विकसित किया है। यह मशीन वॉयस कमांड, टचस्क्रीन और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए संचालित की जा सकती है। नर्सें और डॉक्टर इस रोबोट को निर्देश देकर मरीजों तक आवश्यक चिकित्सा सहायता पहुँचाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
मुख्य विशेषताएँ
- स्वास्थ्य निगरानी: यह रोबोट मरीजों के शरीर के तापमान, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल और अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतों की निगरानी कर सकता है।
- वॉयस कमांड से संचालन: इसमें अलेक्सा जैसी वॉयस कमांड सुविधा है, जिससे डॉक्टर और नर्सें इसे आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।
- स्वायत्तता: रोबोट खुद से मार्ग निर्धारित कर सकता है और अस्पताल में सही स्थान पर जा सकता है।
- इमरजेंसी अलर्ट: यदि किसी मरीज की हालत अचानक बिगड़ती है, तो यह रोबोट डॉक्टरों को तुरंत अलर्ट भेज सकता है।
चिकित्सा जगत में क्रांति
यह रोबोट न केवल स्वास्थ्यकर्मियों का काम आसान बनाएगा, बल्कि मरीजों की देखभाल में भी बड़ा बदलाव लाएगा। अस्पतालों में स्टाफ की कमी की समस्या को दूर करने में यह अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है। विशेष रूप से कोविड-19 जैसी महामारियों के दौरान, जब चिकित्सा कर्मियों पर अत्यधिक दबाव होता है, तब यह हेल्पिंग रोबोट बड़ी भूमिका निभा सकता है।
आने वाले वर्षों में संभावनाएँ
आईआईटी मंडी के शोधकर्ता इस रोबोट को और अधिक उन्नत बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। भविष्य में, यह रोबोट मरीजों को दवा देने, उनकी रिपोर्ट्स पढ़ने और डॉक्टरों के साथ सीधे संवाद करने में सक्षम होगा। इसके अलावा, इसे घरेलू उपयोग के लिए भी विकसित किया जा सकता है, जिससे बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों को मदद मिल सकेगी।
आईआईटी मंडी के इस अभिनव प्रयास ने भारत को हेल्थकेयर रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है। यह रोबोट स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले वर्षों