उत्तराखंड की बेटी ने रचा इतिहास
उत्तराखंड की टिहरी गढ़वाल की रहने वाली भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी मीनाक्षी नेगी ने एक बार फिर अपने राज्य और देश का नाम रोशन किया है। उन्हें कर्नाटक वन विभाग की पहली महिला “हेड ऑफ फॉरेस्ट” नियुक्त किया गया है। यह उपलब्धि वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मीनाक्षी नेगी का जन्म उत्तराखंड के टिहरी जिले के एक छोटे से गांव रोलियाल में हुआ था। उनके पिता अतर सिंह नेगी लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में कार्यरत थे, जिससे उन्हें बचपन से ही प्रशासनिक सेवाओं का माहौल मिला।
मीनाक्षी ने मसूरी के प्रसिद्ध स्कूल सी.जे.एम. वेवरली से शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण में रुचि दिखानी शुरू कर दी। उनकी इस रुचि ने उन्हें भारतीय वन सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय वन सेवा में योगदान
1989 में IFS में चयनित होने के बाद, उन्हें कर्नाटक कैडर आवंटित किया गया। अपने कार्यकाल में उन्होंने बल्लारी, चिक्कमगलुरु और मंड्या जैसे जिलों में उप वन संरक्षक के रूप में कार्य किया।
उन्होंने अपने नेतृत्व में वन संरक्षण, वनीकरण, और वन्यजीव सुरक्षा की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाईं। विशेष रूप से, पश्चिमी घाट के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में उनके योगदान को सराहा गया।
केंद्र सरकार में योगदान
मीनाक्षी नेगी की दक्षता को देखते हुए उन्हें केंद्र सरकार में भी कार्य करने का अवसर मिला। उन्होंने आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आयुर्वेद से संबंधित नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महिलाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य
2022 से 2024 तक मीनाक्षी नेगी राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव रहीं। इस दौरान उन्होंने महिला सुरक्षा, कार्यस्थल पर लैंगिक समानता और घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए। उनके प्रयासों से कई महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू की गईं।
पारिवारिक जीवन
मीनाक्षी नेगी के पति, विजय शर्मा, भी कर्नाटक कैडर के IFS अधिकारी थे और 2023 में सेवानिवृत्त हुए। उनके छोटे भाई, डॉ. राकेश सिंह नेगी, उत्तराखंड के पशुपालन विभाग में अपर निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
मीनाक्षी नेगी की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। उनका जीवन संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी है, जो सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की सीख देती है।