दिल दहला देने वाली घटना
हरिद्वार के ज्वालापुर में एक माँ ने अपनी छह माह की जुड़वा बच्चियों की हत्या कर दी। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े कर दिए।
पिता की शिकायत से खुला मामला
महेश सकलानी ने अपनी बच्चियों की हत्या की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी दूध लेने बाहर गई थीं और वापस लौटने पर उन्होंने देखा कि दोनों बच्चियाँ मृत पड़ी थीं।
कैसे पकड़ी गई आरोपी माँ?
जांच के दौरान पुलिस को माँ की बातों में विरोधाभास मिला। जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। महिला ने बताया कि बच्चियों के लगातार रोने और देखभाल की जिम्मेदारी से वह परेशान हो गई थी।
हत्या की योजना या क्षणिक गुस्सा?
महिला ने बताया कि उसने पहले गुस्से में बच्चियों को रजाई से दबाया, लेकिन जब वे और जोर से रोने लगीं तो उसने स्कार्फ से उनका गला घोंट दिया। यह सब अचानक हुआ या पहले से सोची-समझी साजिश थी, यह सवाल अभी भी बना हुआ है।
क्या हो सकती है सजा?
भारतीय कानून के तहत, हत्या के दोषी को आजीवन कारावास या फांसी की सजा तक हो सकती है। इस मामले में पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
समाज को क्या सीखना चाहिए?
ऐसी घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि मानसिक तनाव को समय रहते समझना और दूर करना जरूरी है। नवजात बच्चों की देखभाल में परिवार और समाज को माँ का साथ देना चाहिए ताकि वह मानसिक रूप से स्वस्थ रह सके।