2025 की सियासत में कांग्रेस का बदला हुआ अंदाज
कांग्रेस इस बार न तो महागठबंधन से सीटों की मिन्नतें कर रही है और न ही पीछे हटने को तैयार है। इस बार बात नहीं, सीधी तैयारी हो रही है। पार्टी नेताओं के तेवर और संगठनात्मक बदलावों से साफ है कि कांग्रेस बड़ा दांव खेलने के मूड में है।
2010 की यादें ताजा
2010 में कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ 4 सीटें जीती थीं और 216 पर जमानत जब्त हो गई थी। क्या कांग्रेस फिर वैसी ही गलती दोहराएगी? या इस बार पार्टी ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर लिया है?
राहुल गांधी की रणनीति
राहुल गांधी लगातार बिहार दौरे पर हैं। पिछड़ा, अति-पिछड़ा और दलित वोटरों को साधने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के अंदरूनी ढांचे में भी बदलाव किए गए हैं। इससे यह संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस अब सीधे मैदान में उतरना चाहती है, न कि सिर्फ ‘समझौतों’ पर निर्भर रहना।
महागठबंधन में असमंजस
राजद और कांग्रेस के बीच सामंजस्य की कमी पहले भी दिखी है और अब भी दोनों दलों के बीच कोई स्पष्ट गठबंधन नहीं दिख रहा। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर टकराव तय है। क्या तेजस्वी यादव कांग्रेस को जगह देंगे या कांग्रेस अपनी राह खुद बनाएगी?
नए दलों का उदय
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और शिवदीप लांडे की हिंद सेना दोनों ही हर सीट पर प्रत्याशी उतारने का दावा कर चुकी हैं। इससे वोटों का बंटवारा तय है, जिससे पुराने दलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।