बिना कोचिंग के JEE Mains में सफलता
जनपद नैनीताल के मयंक बिष्ट ने यह साबित कर दिया कि अगर संकल्प और सही दिशा में मेहनत की जाए, तो बिना कोचिंग के भी JEE Mains जैसी कठिन परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया जा सकता है। उन्होंने 98.4% अंक प्राप्त कर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का गौरव बढ़ाया।
मयंक का परिचय और पारिवारिक पृष्ठभूमि
मयंक बिष्ट उत्तराखंड के नैनीताल जिले के तल्लीताल क्षेत्र के निवासी हैं। वे वर्तमान में सेंट जोसेफ स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र हैं। उनके पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट एक सरकारी अधिकारी हैं और माता लता बिष्ट एक गृहिणी हैं। उनका बड़ा भाई चित्रांशु बिष्ट भी एक सफल इंजीनियर हैं और जापान की हिटाची कंपनी में कार्यरत हैं।
पढ़ाई में अनुशासन और आत्मनिर्भरता
मयंक की सफलता का मुख्य कारण उनका कठोर अनुशासन और आत्मनिर्भरता है। उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी और पढ़ाई को ही अपना प्राथमिक लक्ष्य बनाया। उन्होंने खुद के लिए एक स्पष्ट अध्ययन योजना बनाई और उस पर दृढ़ता से अमल किया।
बिना कोचिंग की पढ़ाई का तरीका
- स्व-अध्ययन पर जोर: मयंक ने खुद की समझ को विकसित करने के लिए आत्म-अध्ययन पर ध्यान दिया।
- ऑनलाइन संसाधनों का सही इस्तेमाल: उन्होंने यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन शैक्षणिक सामग्री का बुद्धिमानी से उपयोग किया।
- मॉक टेस्ट और पुराने प्रश्नपत्रों का अभ्यास: परीक्षा के पैटर्न को समझने के लिए मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल किए।
- टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई: उन्होंने पढ़ाई के लिए एक सख्त समय-सारणी बनाई और उस पर पूरी तरह अमल किया।
विद्यालय और शिक्षकों की भूमिका
सेंट जोसेफ स्कूल के शिक्षकों ने मयंक की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कठिन विषयों को समझने में मदद की और परीक्षा की रणनीति विकसित करने में मार्गदर्शन दिया।
भविष्य की योजनाएँ
मयंक अब JEE Advanced की तैयारी कर रहे हैं और उनका लक्ष्य है कि वे IIT में प्रवेश लेकर देश की तकनीकी प्रगति में योगदान दें। वे एक उत्कृष्ट इंजीनियर बनना चाहते हैं।
मयंक बिष्ट की सफलता यह दिखाती है कि आत्मनिर्भरता और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यह यात्रा देश के सभी छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है