उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली तहसील में प्रशासनिक अस्थिरता लंबे समय से एक बड़ी समस्या बनी हुई है। वर्तमान में, पिछले ढाई महीनों से एसडीएम (उपजिलाधिकारी) का पद खाली पड़ा है, जिससे आम जनता को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार स्थानांतरण और अस्थायी नियुक्तियों के चलते विकास कार्यों की गति धीमी पड़ गई है।
थराली तहसील की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1990 में कर्णप्रयाग तहसील से अलग कर थराली तहसील बनाई गई थी, जिसमें देवाल और नारायणबगड़ विकासखंडों को शामिल किया गया। 2014 में प्रशासनिक विभाजन के तहत नारायणबगड़ और देवाल को अलग तहसील का दर्जा मिला, लेकिन देवाल तहसील आज भी पूरी तरह कार्यशील नहीं हो सकी है। इसका प्रभाव आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ा है, जहां प्रशासनिक सेवाओं का अभाव बना हुआ है।
25 वर्षों में 31 एसडीएम: एक चिंताजनक स्थिति
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक थराली में 31 एसडीएमों की नियुक्ति की जा चुकी है। अधिकतर अधिकारी एक वर्ष से भी कम समय तक कार्यरत रहे, जिससे प्रशासनिक स्थिरता प्रभावित हुई है। बार-बार हो रहे स्थानांतरण के कारण अधिकारी स्थानीय समस्याओं को ठीक से समझ भी नहीं पाते और उन्हें दूसरी जगह भेज दिया जाता है। इससे विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न होती है।
विकास परियोजनाओं पर असर
प्रशासनिक अस्थिरता के कारण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य अधर में लटके हुए हैं। थराली के ग्रामीण इलाकों में जल आपूर्ति, कृषि योजनाएं, सड़क मरम्मत और बिजली से जुड़ी कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है। लेकिन जब तक स्थायी अधिकारी नियुक्त नहीं किए जाते, इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल करना संभव नहीं हो पाएगा।
स्थानीय निवासियों की समस्याएं
एसडीएम कार्यालय में अधिकारी न होने से लोगों को भूमि संबंधित दस्तावेजों, प्रमाण पत्रों, कानूनी मामलों और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ता है। बार एसोसिएशन थराली के अध्यक्ष डीडी कुनियाल ने प्रशासनिक अस्थिरता को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक स्थायी एसडीएम नियुक्त नहीं किए जाते, विकास कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं होगी।
पूर्व में तैनात प्रमुख अधिकारी
थराली में तैनात कुछ अधिकारी अपेक्षाकृत लंबे समय तक इस पद पर रहे, जिनमें बीएल फिरमाल (20 सितंबर 2007 से 31 मार्च 2011), दीपक सिंह नेगी (18 अगस्त 2004 से 19 सितंबर 2007) और विवेक प्रकाश (6 अप्रैल 2013 से 5 फरवरी 2015) शामिल हैं। लेकिन इन कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश अधिकारी अल्पावधि के लिए ही यहां नियुक्त रहे।
सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता
सरकार को इस समस्या पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और थराली में एक स्थायी एसडीएम की नियुक्ति सुनिश्चित करनी चाहिए। अधिकारियों के स्थानांतरण की समय-सीमा निर्धारित करनी होगी, जिससे वे क्षेत्र की समस्याओं को समझकर आवश्यक सुधार लागू कर सकें। जब तक प्रशासनिक स्थिरता नहीं आती, तब तक विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करना संभव नहीं होगा।