नजीबाबाद में रेलकर्मी की रहस्यमयी मौत का खुलासा
बिजनौर जिले के नजीबाबाद क्षेत्र में एक रेलकर्मी की रहस्यमयी मौत का मामला अब पूरी तरह हत्या में बदल चुका है। रेलवे कर्मचारी दीपक कुमार की मौत पहले हार्ट अटैक समझी गई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने चौंकाने वाला सच उजागर किया—दीपक की हत्या गला घोंटकर की गई थी और आरोप है उसकी पत्नी शिवानी पर। अब यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कॉलेज के प्यार से बनी शादी, फिर टूटा भरोसा
दीपक और शिवानी की प्रेम कहानी कॉलेज के समय से शुरू हुई थी। हल्दौर स्थित कॉलेज में दोनों की मुलाकात हुई और धीरे-धीरे यह रिश्ता प्यार में बदल गया। आठ साल तक दोनों ने अपने रिश्ते को निभाया, लेकिन परिवार की रजामंदी मिलने में वक्त लगा। जब दीपक की सरकारी नौकरी रेलवे में लग गई, तो परिजन शादी के लिए तैयार हुए। 17 जनवरी 2024 को दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया।
छह माह का बेटा और फिर अचानक मौत
शादी के कुछ महीनों बाद ही शिवानी और दीपक के घर किलकारियां गूंजीं और एक बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम वेदांत रखा गया। लेकिन खुशियों से भरे इस घर में अचानक अंधेरा छा गया। 4 अप्रैल 2025 को दीपक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। शिवानी ने परिजनों को बताया कि उसे हार्ट अटैक आया था और वो उसे अस्पताल ले जा रही है।
पोस्टमार्टम ने खोली साजिश की परतें
शिवानी दीपक का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहती थी, लेकिन दीपक के परिजनों को उसके गले पर निशान दिखाई दिए। जब पोस्टमार्टम कराया गया तो उसमें गला दबाने से मौत होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने शिवानी को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू हुई।
कबूला जुर्म, लेकिन कई सवाल अभी बाकी
36 घंटे की पूछताछ के बाद शिवानी ने जुर्म स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि पति से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद गुस्से में आकर उसने गला घोंट दिया। हालांकि पुलिस इस बयान को पूरी तरह सच नहीं मान रही, क्योंकि शिवानी लगातार पूछताछ के दौरान एक युवक का नाम लेकर गुमराह करती रही।
जेल में बदहाली, खाना-पीना छोड़ा
सोमवार शाम को शिवानी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया। जेल पहुंचने के बाद से वह गुमसुम है, न तो खाना खा रही है और न ही सो पा रही है। रातभर करवटें बदलती रही और रोती रही। मंगलवार को उसे जब नाश्ते में चाय और चना दिया गया, तब भी उसने इनकार कर दिया। दोपहर में कई समझाइशों के बाद उसने सिर्फ दो रोटियां खाईं।
बेटे से अलगाव का दर्द
दीपक के परिजन बेटे वेदांत को अपने साथ ले गए हैं। ऐसे में शिवानी से उसका बेटा भी छिन गया है। जेल में अब वह अपने किए पर पछता रही है, बार-बार यही कहती है कि वह नहीं चाहती थी कि ऐसा हो। उसका दावा है कि दीपक उसके साथ मारपीट करता था और झगड़े में वह अपना आपा खो बैठी।
ससुराल से पहले ही बिगड़े थे रिश्ते
दीपक की मां पुष्पा और भाई पीयूष ने आरोप लगाया है कि शिवानी का शुरू से ही ससुराल पक्ष से व्यवहार ठीक नहीं था। वह अपनी सास से मारपीट तक कर चुकी थी। इसी तनाव की वजह से दीपक ने करीब पंद्रह दिन पहले उसे अलग किराए के मकान में नजीबाबाद में ले जाकर रखा था।
लालच में हत्या का शक
दीपक के भाई ने तहरीर में लिखा कि शिवानी ने नौकरी और मृत्यु लाभ पाने की लालच में दीपक की हत्या की है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। क्या हत्या में कोई और भी शामिल था? इस पर पुलिस की जांच जारी है। शिवानी ने एक युवक का नाम जरूर लिया, लेकिन जांच में उसका कोई लेना-देना साबित नहीं हुआ।
समाज के लिए सबक
इस घटना ने एक बार फिर रिश्तों और विश्वास की नींव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आठ साल पुराना प्यार, शादी, बेटा और फिर हत्या… यह पूरी कहानी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि कहीं न कहीं संवाद और समझ की कमी रिश्तों को इस मोड़ पर ले आती है।
बिजनौर का यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं है, यह समाज में टूटते रिश्तों, गुस्से में लिए फैसलों और लालच के जहर की एक बानगी है। शिवानी अब जेल में है, बेटे से अलग है और खुद की जिंदगी भी तबाह कर चुकी है। पुलिस की जांच आगे क्या सामने लाती है, यह देखना बाकी है, लेकिन दीपक की मौत और उसका परिवार हमेशा इस सदमे के साथ जीते रहेंगे।