कांग्रेस ने दोबारा जताया भरोसा
कांग्रेस पार्टी ने केदारनाथ उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक मनोज रावत को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। यह फैसला उनकी क्षेत्रीय सक्रियता और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। 2017 से 2022 तक विधायक रहे मनोज रावत ने क्षेत्र के मुद्दों को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया था। हालांकि, 2022 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी ने उनकी मेहनत को सराहा और उन्हें फिर से टिकट दिया।
नामांकन प्रक्रिया में बढ़ी हलचल
केदारनाथ उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया जोरों पर है। अब तक 11 उम्मीदवारों ने नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किए हैं। इनमें कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत के अलावा आलोक कुमार, वीर सिंह बुढेरा, रणप्रीत सिंह, और सुमंत तिवारी जैसे उम्मीदवार शामिल हैं। 29 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है, जबकि 30 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। इसके बाद, 4 नवंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
20 नवंबर को होगा मतदान, कांग्रेस की तैयारी तेज
20 नवंबर को केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए मतदान होगा। चुनाव को लेकर कांग्रेस ने पहले से ही अपनी रणनीति तैयार कर ली है। मनोज रावत के समर्थकों ने क्षेत्र में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। कांग्रेस इस चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही है।
क्यों है यह चुनाव महत्वपूर्ण?
यह उपचुनाव कांग्रेस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पार्टी पिछले चुनावों में लगातार कमजोर होती दिखी है। ऐसे में, यह उपचुनाव पार्टी के लिए अपने जनाधार को फिर से मजबूत करने का एक मौका है। मनोज रावत जैसे अनुभवी उम्मीदवार को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि वह चुनाव में कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती।