हमले की पूरी घटना
गुरुवार रात नागपुर के महाल और हंसपुरी इलाके में हिंसा फैल गई। नकाबपोश भीड़ ने सीसीटीवी कैमरों को सबसे पहले तोड़ा और फिर घरों और दुकानों में घुसने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई लोगों को पीटा।
प्रत्यक्षदर्शियों की बात
स्थानीय निवासी वंश कवले ने बताया कि नकाबपोश भीड़ ने उनके क्लिनिक में घुसकर सारी मेजें तोड़ दीं और दवाइयों को फेंक दिया। वहीं, चाय की दुकान चलाने वाले एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उपद्रवियों ने उनकी दुकान में भी तोड़फोड़ की।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी और 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद नहीं थी और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रही।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि सरकार को इस हिंसा की गहराई से जांच करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कुछ मुद्दों के जरिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
फिलहाल, हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि, नागरिक अब भी डरे हुए हैं और प्रशासन से तत्काल सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।