बढ़ते साइबर अपराध और नई ठगी की योजना
उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें दो ठगों ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को शेयर बाजार में निवेश का लालच देकर 90 लाख रुपये की ठगी की। एसटीएफ की साइबर यूनिट ने इस मामले में राजस्थान के जयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ऑनलाइन ठगी की नई रणनीति
साइबर ठगों ने एक संगठित योजना के तहत लोगों को फँसाने का तरीका अपनाया। पहले उन्होंने व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप बनाए, जहाँ पहले से जुड़े सदस्यों ने फर्जी मुनाफे के स्क्रीनशॉट साझा किए। इससे अन्य लोग निवेश के लिए आकर्षित हो गए। जब लोगों ने विश्वास कर लिया, तो उन्हें विभिन्न बैंक खातों में पैसे जमा करने को कहा गया।
कैसे हुआ खुलासा?
उत्तराखंड पुलिस को कई शिकायतें मिलीं कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों को शेयर ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया जा रहा है और उनसे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाए जा रहे हैं। एसटीएफ की साइबर यूनिट ने बैंक खातों और डिजिटल डेटा का विश्लेषण किया और आखिरकार दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम संतोष कुमार मीणा और नीरज कुमार मीणा हैं। पुलिस ने इनके पास से पाँच मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड, चार चेक बुक, दो डेबिट कार्ड, एक पासबुक, दो आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया है।
लोगों को सावधान रहने की जरूरत
ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
- अज्ञात व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप में शामिल न हों।
- अधिक मुनाफे के झाँसे में न आएँ और किसी भी अज्ञात व्यक्ति को पैसे न भेजें।
- बैंक खाते और व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन को दें।
उत्तराखंड में हुए इस साइबर अपराध ने ऑनलाइन निवेश के प्रति सतर्कता बढ़ाने की जरूरत को दर्शाया है। जागरूकता ही साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।