अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की नई पहल
हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय (देसंविवि) ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने पाठ्यक्रम में पोलिश भाषा को शामिल किया है। इस नई भाषा के अध्ययन से भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर पर अधिक अवसर प्राप्त होंगे। विश्वविद्यालय अपने आध्यात्मिक परिवेश और समग्र शिक्षा प्रणाली के कारण अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
विदेशी छात्रों की बढ़ती रुचि
हाल ही में रूस से एक 16-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल देवसंस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचा। उन्होंने विश्वविद्यालय के दिव्य और शांत वातावरण में गायत्री महामंत्र की साधना की। इस दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति, योग और अध्यात्म को नजदीक से समझा।
पोलिश भाषा का महत्व
पोलैंड यूरोप के महत्वपूर्ण देशों में से एक है और भारतीय व्यापारिक संबंधों के विस्तार में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। पोलिश भाषा का अध्ययन करने से छात्रों को भारत और पोलैंड के बीच व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और उच्च शिक्षा में नए अवसर मिलेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा इस भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना एक दूरदर्शी कदम है।
पोलिश भाषा की विशेषज्ञ शिक्षिका
विश्वविद्यालय में पोलिश भाषा को पढ़ाने के लिए पोलैंड से शिक्षिका सैंड्रा स्जनिर विशेष रूप से आई हैं। वे न केवल भाषा का ज्ञान देंगी, बल्कि पोलिश संस्कृति, इतिहास और साहित्य से भी छात्रों को परिचित कराएंगी।
योग और संस्कृति के प्रति जागरूकता
वियतनाम से आए योग साधकों के एक दल ने भी हाल ही में विश्वविद्यालय का दौरा किया। उन्होंने प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या से भेंट की और योग तथा शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया।
नौकरी के नए अवसर
पोलिश भाषा का ज्ञान रखने वाले छात्रों को विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों, अनुवाद सेवाओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और शैक्षिक संस्थानों में नौकरी के अवसर मिल सकते हैं।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में पोलिश भाषा का अध्ययन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल उनकी भाषाई क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर बेहतर करियर विकल्प प्रदान करेगा।