महाकुंभ 2025 में भगदड़: प्रशासन की लापरवाही या श्रद्धालुओं की भीड़?
प्रयागराज: माघी अमावस्या के शुभ अवसर पर महाकुंभ 2025 में भारी भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई श्रद्धालु हताहत हो गए हैं और कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गया है, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का पूरा विवरण
बुधवार की सुबह लाखों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान के लिए उमड़ पड़े। प्रशासन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि भीड़ अधिक हो सकती है, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। अचानक भीड़ का नियंत्रण बिगड़ गया और भगदड़ मच गई। कई श्रद्धालु गिर पड़े और कुछ की कुचलने से मौत हो गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सुरक्षा इंतजाम
घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत मेडिकल टीमों को मौके पर भेजा और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया। पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत सक्रिय कर दी गईं। हालांकि, श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो यह घटना टाली जा सकती थी।
अखाड़ा परिषद का बयान
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सरकार को महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के लिए विशेष सुरक्षा योजनाएँ बनानी चाहिए। पहले अमृत स्नान को रद्द करने की घोषणा हुई थी, लेकिन बाद में तीनों शंकराचार्यों के एक साथ स्नान करने का निर्णय लिया गया।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
श्रद्धालुओं में इस घटना को लेकर आक्रोश है। कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन में पूरी तरह विफलता दिखाई है। मेले में आए कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि स्नान घाटों पर अव्यवस्था थी और पुलिस व्यवस्था कमजोर थी।
भविष्य की रणनीति
इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन को भविष्य में और अधिक सतर्कता बरतनी होगी। भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि इस तरह की अप्रिय घटनाएँ दोबारा न हों।