बरेली में शिक्षा विभाग की बड़ी चूक
फतेहगंज पश्चिमी थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बरेली की फर्जी शिक्षिका शुमायला खान की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। शुमायला पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 2015 में प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी हासिल की थी।
नागरिकता छिपाने का आरोप
शुमायला खान ने भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए फर्जी निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। जांच के दौरान जब दस्तावेजों की सत्यता परखने का प्रयास किया गया, तो प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद शिक्षा विभाग ने तीन अक्तूबर 2024 को उसे निलंबित कर दिया और अब उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
पुलिस की जांच प्रक्रिया
फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने शुमायला खान के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि शुमायला की गिरफ्तारी के लिए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, वेतन वसूली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।
शिक्षा विभाग की साख पर दाग
इस घटना ने शिक्षा विभाग की साख पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। स्थानीय नागरिकों ने पूछा है कि इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और फर्जी दस्तावेजों की पहचान समय पर क्यों नहीं हो पाई।
फर्जी दस्तावेजों का बढ़ता चलन
शुमायला खान का मामला यह दिखाता है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी नौकरी हासिल करने का चलन बढ़ रहा है। यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
सख्त कदम की आवश्यकता
स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसे मामले न हों। दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया को मजबूत करना और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना समय की मांग है।