उत्तराखंड की हसीन वादियों से लेकर बॉलीवुड के चमकते पर्दे तक, प्रसन्ना बिष्ट का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। बचपन से ही अभिनय का शौक रखने वाली प्रसन्ना ने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपनों को हकीकत में बदला। आज वह न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बना चुकी हैं। आइए, जानते हैं उनके सफर की पूरी कहानी।
स्कूल में गोलू देवता का किरदार
प्रसन्ना बिष्ट का अभिनय का सफर उनके स्कूल के दिनों से शुरू हुआ। उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं से जुड़े स्कूल कार्यक्रमों में वह अक्सर भाग लिया करती थीं। खासकर, स्थानीय देवता गोलू देवता का किरदार निभाकर उन्होंने स्कूल और समुदाय में अपनी अलग पहचान बनाई।
गोलू देवता का किरदार उत्तराखंड की परंपराओं और लोककथाओं में गहरा महत्व रखता है। इस किरदार को निभाते हुए प्रसन्ना ने अपनी अभिनय प्रतिभा को निखारा और दर्शकों का दिल जीता। उनके शिक्षक और सहपाठी भी उनके अभिनय कौशल से प्रभावित थे।
फिल्म ‘फर्रे’ से बॉलीवुड में डेब्यू
प्रसन्ना का बड़ा ब्रेक तब आया जब उन्हें फिल्म ‘फर्रे’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में उन्होंने छवि का किरदार निभाया, जो एक गंभीर और जटिल भूमिका थी। फिल्म में उनके प्रदर्शन को दर्शकों और समीक्षकों ने सराहा।
‘फर्रे’ में छवि का किरदार एक ऐसी लड़की का था जो अपनी समस्याओं से जूझते हुए आत्मविश्वास और ताकत पाती है। इस किरदार को निभाने में प्रसन्ना ने अपनी गहरी समझ और संवेदनशीलता का परिचय दिया। यह फिल्म उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
टीवी सीरीज ‘दिल्लोजिकल’ से बढ़ी लोकप्रियता
प्रसन्ना बिष्ट ने 2024 में टीवी सीरीज ‘दिल्लोजिकल’ में भी काम किया। इस सीरीज में उनके किरदार ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई।
‘दिल्लोजिकल’ एक युवा और आधुनिक कहानी पर आधारित थी, जिसमें प्रसन्ना ने एक मजबूत और प्रेरणादायक किरदार निभाया। इस सीरीज ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया और उनकी फैन फॉलोइंग में जबरदस्त इजाफा हुआ।
आगामी फिल्में: ‘ढाई आखर’ और एक अनाम प्रोजेक्ट
प्रसन्ना बिष्ट की आने वाली फिल्में भी दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं। पहली फिल्म ‘ढाई आखर’ है, जिसमें वह एक अलग और चुनौतीपूर्ण भूमिका में नजर आएंगी। यह फिल्म प्रेम और रिश्तों की गहराई को दर्शाती है।
इसके अलावा, उनकी दूसरी फिल्म का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह फिल्म एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित होगी। दोनों ही फिल्मों से प्रसन्ना को काफी उम्मीदें हैं और उनके प्रशंसक भी इन फिल्मों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
प्रसन्ना की प्रेरणादायक कहानी
प्रसन्ना का सफर हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। उत्तराखंड की एक साधारण लड़की से लेकर बॉलीवुड की एक उभरती हुई स्टार बनने तक, उनका सफर यह साबित करता है कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
उनकी सफलता में उनके परिवार का भी बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने हमेशा प्रसन्ना का हौसला बढ़ाया और उन्हें अपने सपनों की उड़ान भरने का मौका दिया।
भविष्य की योजनाएँ
प्रसन्ना बिष्ट ने अपने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह तय है कि वह अपने अभिनय से और भी ऊँचाइयाँ हासिल करेंगी। वह न केवल फिल्मों में बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहना चाहती हैं।
निष्कर्ष
प्रसन्ना बिष्ट की कहानी उत्तराखंड की मिट्टी से जुड़ी एक अद्भुत यात्रा है। उनके अभिनय की गहराई और उनकी मेहनत ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुँचाया है। आने वाले समय में उनकी फिल्मों और प्रोजेक्ट्स से उनके प्रशंसकों को और भी उम्मीदें हैं। उनकी सफलता न केवल उनके लिए बल्कि उत्तराखंड के युवा कलाकारों के लिए भी प्रेरणा है।